मालवा-दर्पण न्यूज/आगर-मालवा। जिले की सीमा से लगे राजस्थान से टिड्डी दल ने जिले में प्रवेश कर लिया गया है। टिड्डी दल जिले के ग्राम मैना, कलारिया सुसनेर, डिगोन, पडऩा, धांधेडा, गुदरावन, भीलखेड़ी, भेंसोदा, सेमली, बोरखेड़ी गुजर, चापखेडा, जामुनी, पाडलिया, सिया, कबूली आदि ग्रामों से होकर गुजरा है। जिसकी सूचना प्राप्त होने पर जिला स्तर से कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ आरपीएस शक्तावत, उप संचालक कृषि श्री आरपी कनेरिया, परियोजना आत्मा के श्री केआर सालमी, आगर, सुसनेर, नलखेड़ा के तहसीलदार नायब तहसीलदार, एसडीओ सुसनेर-नलखेड़ा के संयुक्त दल उक्त ग्रामों में खेतों का भ्रमण किया गया। भ्रमण दल किसानों को टिड्डी दल से फसलों की बचाने हेतु आवश्यक सुझाव एवं सलाह दी गई।
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा टिड्डी से फसल एवं वनस्पति के बचाव हेतु किसानों को सलाह जारी की गई है कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनको अपने खेतों पर बैठने ना दे। प्रकाश प्रपंच लगाकर एकत्रित करें। इसके अलावा खेतों में कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर को टिड्डी को तथा उसके अंडों का नष्ट कर सकते है। टिड्डी कीट नियंत्रण हेतु बेंडियोकार्ब 80 प्रतिशत 125 ग्राम, फ्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत ईसी 1200 मीली, क्लोरपाइरीफास 50 प्रतिषत ईसी 480मिली, डेल्टामेथरिन 2.8 प्रतिषत ईसी 625 मिली, डेल्टामेथरिन 1.25 प्रतिषत यूएलवी 1400मिली, डाईफ्लूबेनजुरान 25 प्रतिशत, डब्ल्यूपी 120 ग्राम, लेम्डासाईहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत इसी 400 मिली, लेम्डासाईहेलोथ्रिन 10 प्रतिषत, डब्ल्यूपी 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है। अकृषि क्षेत्र में टिड्डी कीट नियंत्रण हेतु उपरोक्त अधिसूचित कीटनाशक रसायनों के अलावा फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत डीपी 25 किलोग्राम, क्विनालफास 1.5 प्रतिशत डीपी 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकेगा। इस समय संतरे की नई कोपल सिट्रस सिल्ला नामक रस चूसने वाले किट के द्वारा खाकर के नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसमें नई पत्तियां मुड़ी हुई रहती है। साथ ही अत्यधिक मात्रा में फूल गिर रहे हैं। इसके नियंत्रण के लिए 500 लीटर पानी में इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की 50 मिली मात्रा या थाईमिथोक्जाम 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 100 ग्राम मात्रा। साथ ही 200 ग्राम मात्रा चिपको की अवश्य मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करे।
कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों का किया भ्रमण