मालवा-दर्पण न्यूज/आगर-मालवा। मध्यप्रदेश के आगर-मालवा को प्रकृति का विशेष उपहार प्राप्त है। इस क्षेत्र में भगवान आशुतोष, बाबा बैजनाथ की कृपा युगों से बनी हुई है। तभी तो यह क्षेत्र हमेशा प्राकृतिक आपदाओं से मुक्त हो जाता है। इसका एक कारण और है जहां भी निरंतर रामायण पाठ होता है, वहां पर प्राकृतिक विपदाएं कम ही आती है या आती भी है तो ठहरती नहीं है। इसका कारण वहां हमेशा भगवान का वास होता है। जैसा कि रामायण में लिखा है-
इहां मोहि बसत खग ईसा।
बीतेहुं कल्प सात अरु बीसा।।
27 कल्प से काग भुशुंडि जी कैलाश में गरुड़ जी को निरंतर रामायण सुना रहे है। गरुड़ जी के साथ-साथ अन्य देवता देवगण भी निरंतर रामायण का श्रवण कर रहे है। 27 बार यह पृथ्वी जल मग्न हो चुकी है. किंतु भगवान शंकर की कृपा से काग भुशुंडिजी अमर है। यह रामायण की महत्ता है। यहीं कैलाश में भगवान शंकर माता पार्वती को रामायण का पाठ निरंतर सुना रहे है।
उमा कहहुं मैं अनुभव अपना।
सत हरि भजन जगत सब सपना।।
जहां रामायण का निरंतर पाठ होता है, वहां किसी भी प्रकार की विपदा नहीं आती। वहां प्रलय के देवता भोलेनाथ हमेशा वास करते है। आगर-मालवा में बाबा बैजनाथ महादेव धाम में 45 वर्षों से निरंतर रामायण पाठ चल रहा है, फिर इस क्षेत्र में विपदा कैसे ठहर सकती है।
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