बच्चों को मिल रहे वैदिक संस्कार, लाकडाउन अवधि में अभिभावकों की सराहनीय पहल


मालवा-दर्पण न्यूज/आगर-मालवा।
देश और दुनिया इस समय को कोरोना वाइरस से जंग लड़ रहा हैं। इससे बचने के लिए देश की सरकार ने एक मात्र रास्ता तलाशा है वो है लॉकडाउन। इसमें कामकाजी लोगों से लेकर बच्चे तक सभी को घर में रहने की हिदायत दी गई है। ऐसे में अधिकांश अभिभावक बच्चों के पढ़ाई और मनोरंजन को लेकर काफी चिंतित है। ऐसे में आगर-मालवा के नागरिक विभिन्न माध्यमों से अपने अपने बच्चों को कलात्मक तरीकों से शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा दे रहे है। बच्चे भी घर में परिवार के साथ मनोरंजनात्मक गतिविधि करके अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे है। आगर-मालवा की रहने वाली गृहिणी श्रीमती सीमा व्यास कहती हैं कि एक तरफ जहां लोग लॉकडाउन की वजह से घरों में  है। वहीं सीमा परिवार के साथ इसे एक सकारात्मक सोच के साथ अपने बच्चों को  टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान दिला रही है। बच्चे भी इन में रुचि रखते हुए इनका पात्र बनकर कलात्मक तरीकों से अभिनय करते हुए अपनी कला का प्रदर्शन करते है। सीमा कहती है कि अभी इस समय बच्चों के सिर पर पढ़ाई का बोझ नहीं है ऐसे में हमारे पास मौका है कि इस समय उनको टेलीविजन या अन्य माध्यमों से अपनी संस्कृति का परिचय करवाएं। सीमा बच्चो के अभिनय को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाती हैं और उन्हें भी इस बात की प्रेरणा देती है की बच्चो का घर पर शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान, रचनात्मक और कलात्मक तरीको से देवे। नगर के अन्य अभिभावक द्वारा भी इसी प्रकार की गतिविधियां अपने बच्चों के द्वारा करवाई जा रही है। कोई राम -लक्ष्मण, लव-कुश बन रहा हैं तो कोई डॉक्टर, पुलिस, कृष्ण, की वेशभूषा में सजकर उनका फोटो ओर वीडियो सोशल मीडिया पर डाल कर नागरिकों का मनोरंजन करते हुए प्रेरणा स्त्रोत बन रहे है।