सबक सिखाना होगा कफन में कमीशन का धंधा करने वालों को 

मालवा-दर्पण न्यूज/आगर-मालवा। इस समय दुनिया के साथ-साथ देश में भी कोरोना महामारी अपने पैर लगातार पसार रही। कई लोग, समाजसेवी संस्थाएं लगातार जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का नेक काम कर रहे है। कई छोटे-छोटे मेहतनकश लोग, छोटे कर्मचारी, पेंशनर लोग अपनी कमाई से थोड़ा-थोड़ा एकत्रित कर मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे है। कई नन्हे बच्चे अपनी गुल्लक तोड़कर गरीबों की मदद करने का छोटा किंतु सराहनीय कार्य कर रहे है। प्रशासिनक अधिकारी दिन-रात एक कर समाजसेवी लोगों के साथ संकट की इस घड़ी में हर गरीब जरूरतमंद तक सहायता पहुंचाने का पूरा प्रयास कर रहे है, किंतु ऐसे समय में भी कुछ लोग ऐसे भी है जो गरीबों के भोजन राशन में भी कमाई करने का रास्ता खोज रहे है या यूं भी कह दे कमाई कर रहे है। संकट जितना बड़ा होता है उतना ही अधिक ये समाज के ठेकेदार कमाई भी बड़े स्तर पर करने का हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसा नहीं कि लोग इनसे परिचित नहीं है। समाज में परोपकार के नाम पर काली कमाई कर विलासिता की जिंदगी जीने वाले इन उपर से भद्र दिखने वाले लोगों के बारे में अधिकतर लोग जानते है, क्योंकि ऐसा ये पहली बार नहीं कर रहे है। कफन में कमीशन देखने की इनकी आदत पड़  चुकी है। इसलिए इन्हें यह बेइमानी का कार्य करने में भी शर्म महसूस नहीं होती। इतना ही नहीं अधिकारियों पर भी ऐसे लोग अपना प्रभाव जमाने की पूरी कोशिश करते है। समाज के अनेक सेवाभावी लोग ऐसे लोगों के कारण सेवा कार्य से अपने को अलग कर लेते है, क्योंकि ये कमीशन खोर उनको अपमानित करने पर उतारु भी हो जाते हे है। अब समय की जरूरत है समाज में गरीबों, असहायों के हक पर भी डाका डालने वाले इन लोगों को बेनकाब किया जाएं। समाज के, जनता के सामने इनके द्वारा किए जा रहे पाप को उजागर करने का समय आ गया है, क्योंकि पाप का घड़ा फोडऩे के लिए आपकी हिम्मत का छोटा सा पत्थर ही काफी है। समाज में ऐसे कमीशन खोर लोगों को सबक सिखाने के लिए सबको आगे आना होगा। आप ध्यान रखिये चोर के पैर अधिक देर तक नहीं टिकते तो उठायिए एक कंकर और मारिये पाप के घड़े पर। 
अधिकार खोकर बैठे रहना यह महा दुष्कर्म है
न्यायार्थ अपने बंधु को भी दंड देना धर्म है
इस बात पर ही कौरवों का पांडवों से रण हुआ
जो भव्य भारत वर्ष के कल्पांत का कारण हुआ