कोरोना को हराना है


कोरोना को हराना है
संपादकीय
रामेश्वर कारपेंटर
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है।  चीन, फ्रांस, इटली, अमेरिका ये बड़े-बड़े देश कोरोना महामारी की चपेट में आ चुके है। पर्याप्त साधन होने के बाद भी  आधुनिकता का ढोल पीटने वाले अपने आपको उन्नतिशील मानने वाले ये देश इस महामारी के प्रकोप से त्रसित हो चुके है। इसका मूल कारण पाश्चात संस्कृति ही कहा जा सकता है, जहां सामाजिक दूरी का या मान मर्यादाओं का पालन नहीं किया जाता। इसी का  परिणाम है कि इन विकसित देशों में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। यद्यपि हमारा देश इस महामारी से लगभग सुरक्षित-सा है, किंतु फिर भी अंतरराष्ट्रीय आवागमन के कारण हमारे देश में भी छूट-फूट कोरोना मरीज सामने आए है। चूंकि यह बीमारी छूआछूत की है, इसलिए धीरे-धीरे हमारे देश में भी इसका प्रकोप बढ़ता हुआ देखने को मिल रहा है। इसकी रोकथाम के लिए हमें हमारे आदर्शों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बना रखकर एक-दूसरे के पास न जाकर अपने घर में ही रहकर इसे समाप्त करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरा देश एवं सभी राजनीतिक दल आपसी भेदभाव भूलाकर इस भयानक त्रासदी को मिटाने के लिए दिनरात एक कर रहे है तथा सभी के यह प्रयास है कि अन्य देशों की तरह भारत में यह संक्रमण अपने पैर नहीं पसारे। इसके लिए शासन स्तर पर एवं सामाजिक स्तर पर भी लगातार प्रयास किए जा रहे है। पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है, जहां आदमी 10 मिनट घर पर नहीं रुक सकता था। आसमान में हवाई जहाजों की लगातार उड़ाने होती थी, दिनरात पटरियों पर टे्रने दौड़ती थी, सड़कों पर लगातार दौड़ते हुए वाहनों का शोर थमने का नाम नहीं लेता था। आज सबकुछ शांत है, स्तब्ध है।  निश्चित ही इस प्रकार के उपाय कर हम इस संक्रमण को रोकने में अवश्य कामयाब होंगे।  हम सभी का एक ही उद्देश्य कोरोना को हराना है।