नमामि देवी नर्मदे... पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजयसिंह के नर्मदा यात्रा के कुछ अलौकिक दृश्य

नमामि देवी नर्मदे... पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजयसिंह के नर्मदा यात्रा के कुछ अलौकिक दृश्य



आगर से रामेश्वर कारपेंटर


मैकलसुता, शिवप्रिया, मां रेवा, जगततारिणी, भयहारणी मां नर्मदा की परिक्रमा करना निश्चित ही सौभाग्य की बात है। लाखो जन्मों की तपस्या के फलस्वरूप ही मां नर्मदा की परिक्रमा का अवसर प्राप्त होता है। मां नर्मदा की सबसे पहली परिक्रमा चिरंजीवी महर्षि मार्कंडेय ने की थी। महर्षि गौरीशंकर ने नर्मदा पुराण की रचना कर कलयुग में मानव के लिए मोक्ष का नया साधन खोज निकाला। मां नर्मदा की यात्रा का अवसर संयोग से ही मिलता है, जिस पर परम पिता एवं मां नर्मदा का स्नेहिल आशीर्वाद होता है निश्चित ही यह कृपा उन पर होती है। श्री दिग्विजयसिंह एवं उनके साथ नर्मदा परिक्रमा करने वाले सहयात्री बड़े भाग्यशाली है, जिन्हें देवताओं के लिए दुर्लभ इस परिक्रमा को निर्विघ्न संपन्न करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। सबसे बड़ी विशेषता मां नर्मदा की 3300 किलोमीटर लंबी यात्रा बिना किसी भी बाधा के, बिना किसी समस्या के संपन्न हुई। 30 सितंबर को शुरू हुई यह यात्रा 6 माह 10 दिन तक निरंतर जारी रहते हुए हैं 9 अप्रैल को पुनः नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर संपन्न हुई। यात्रा जिला



नरसिंहपुर के बरमान घाट से शुरू होकर खंभात की खाड़ी तक पहुंच कर पुनः अमरकंटक तक की यात्रा कर इसका समापन 9 अप्रैल को जिला नरसिंहपुर के बरमान घाट पर ही हुआ। विधि विधान से इस यात्रा को संपन्न कराने में सभी सहयात्रियों, विद्वानों, परोहितों के साथ ही शंकराचार्य का भी विशेष आशीर्वाद रहा। दिग्विजयसिंह के गुरु आदरणीय जगदगरु शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद जी महाराज की इस यात्रा को



पूर्ण कराने में विशेष कृपा रही उनके आशीर्वाद से ही यह यात्रा निर्मित संपूर्ण हुई। इसे चमत्कार ही माना जाएगा कि जो लोग साथ चल रहे थे। 80 साल से भी ज्यादा की उम्र के हैं। जो थोड़ा भी नहीं चल पा रहे थे। नर्मदा यात्रा में शामिल होने के बाद वे 20 किलोमीटर पैदल चलते थेइतना ही नहीं इस यात्रा के दौरान अनेक चमत्कार भी देखने को मिले। सबसे बड़ा चमत्कार जब नर्मदा यात्रा गुजरात के तट पर पहुंची, जहां नर्मदा समुद्र मिलती है वहां से 80 किलोमीटर समुद्र में जाकर वापस आना था। जब सभी समुद्र से वापस लौट गए, उसके ठीक 1 घंटे बाद मौसम विभाग द्वारा चेतावनी जारी की गई कि मछुआरे समुद्र में न जाएं और एक दिन बाद ही जोरदार तूफान आया। लगभग 6 दिन तक चला



यदि 1 दिन भी देरी होती तो यह यात्रा में निश्चित ही प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ता। यात्रा में शामिल होने में मख्य रूप से श्री परषोत्तम जोशी, श्री लेखराज सिंह बघेल, गोवर्धन दांगी, विधायक ब्यावरा विक्रमसिंह मीणा, लक्ष्मणसिंह यादव, श्रीकृष्ण यादव, बुंदेलसिंह यादव, रामबाबू शर्मा, राजा यादव, वीरसिंह रघुवंशी, कालूराम मीणा, देवेंद्र शर्मा, रामसिंह अहिरवार, छतरसिंह परमार सहित अनेक यात्री मध्यप्रदेश आसपास के इलाकों से भी शामिल हुए। यात्रा निर्विघ्न संपन्न होने पर सबने मां नर्मदा से प्रार्थना कर हमेशा यात्रियों पर एवं देश-प्रदेश की खुशहाली के लिए विशेष प्रार्थना की। यात्रा संपन्न होने पर श्री दिग्विजयसिंह ने समस्त यात्रियों का आभार प्रदर्शन कर धन्यवाद दिया।


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